By Arvind Kumar March 10, 2024
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उनका जन्म एक दलित परिवार में हुआ था। सावित्रीबाई फुले को भारत की पहली शिक्षिका होने का श्रेय दिया जाता है‚ उन्होंने यह उपलब्धि उस समा प्राप्त की जब महिलाओं के लिए शिक्षा प्राप्त करना तो दूर‚ घर से बाहर निकलना भी मुश्किल था।
सावित्रीबाई का विवाह मात्र 9 साल की उम्र में ज्योतिराव फुले से हो गया था। जब इनकी शादी हुई तो वह अनपढ़ थी। पढाई के प्रति उनकी लगन देखकर ज्योतिराव फुले प्रभावित हुए और उन्होंने सावित्रीबाई को आगे पढ़ाने का फैसला किया।
सावित्रीबाई पूरे देश की महानायिका है‚आजादी से पहले भारत मे महिलाओ के साथ बहुत भेदभाव होता था जब सावित्री बाई स्कूल जाती थीं तो लोग उन पर पत्थर फेंकते थे‚ गंदगी‚ गोबर फेकते थे लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और शिक्षा हासिल करने के लिए कड़ा संघर्ष किया।
विवाह के समय ज्योतिराव फुले भी कक्षा तीन के छात्र थे‚ लेकिन तमाम सामाजिक बुराइयों की परवाह किए बिना उन्होंने सावित्रीबाई की पढ़ाई में पूरी मदद की। सावित्रीबाई ने अहमदनगर और पुणे में शिक्षक प्रशिक्षण लिया और शिक्षिका बन गई।
5 सितंबर 1848 में पुणे मे अपने पति के साथ मिलकर विभिन्न जातियो की नौ छात्राओं के साथ उन्होंने महिलाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की।सावित्रीबाई फुले उस दौर में न सिर्फ खुद पढ़ी‚ बल्कि दूसरी लड़कियों के पढ़ने का भी बंदोबस्त किया।